January 7, 2024
7 Best Indian History Books in Hindi – भारतीय इतिहास [2024]
आज हम 7 Best Indian History Books in Hindi में देखने वाले है। इन किताबो से आपको भारत के इतिहास के बारे में बहुत सारी जानकरी मिलाने वाली है। इसके जो लेखक है वह इतिहास की बारीकियां लोगो के सामने रखना चाहते है जिसके कारण उन्होंने इन indian history किताबो का निर्माण किया। यह किताबे विद्यार्धी से लेकर जिन्हे इतिहास पढ़ना अच्छा लगता है उन सबके लिए है। जो विद्यार्थी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है उनके लिए भी यह महत्वपूर्ण किताबे है।
7 Best Indian History Books in Hindi में कोनसी है?
- भारत का प्राचीन इतिहास
- भारत गांधी के बाद
- मुगल कालीन भारत
- भारत की राज्य व्यवस्था
- भारत एक खोज
- पानीपत
- राजतरंगिणी
1. भारत का प्राचीन इतिहास
लेखक: राम शरण शर्मा
यह किताब भारत प्राचीन इतिहास के बारे में पढ़ने के लिए बहुत अच्छी श्रेणी की किताब है। लेखक ने किताब को बहुत ही सरल भाषा में लिखा है यह किताब मार्केट में इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषा में उपलब्ध है।
किताब के बारे में:
भारत का प्राचीन इतिहास इस किताब में कुल 33 Chapters है। यह किताब भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत विश्लेषण बहुत ही सरल भाषा में करती है। धर्म और संप्रदायों की निर्मिती, साम्राज्य के स्थान और पतन के बारे में इसमें बताया गया है। लेखक ने बौद्ध और जैन धर्म के शुरुआत एवं प्रसार के बारे में विस्तृत विश्लेषण किया है।
प्राचीन भारत के काल में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्तिथियो का विस्तृत जानकारी लेखक ने पुस्तक में दी है। ऐतिहासिक तौर पर यह नवपाषाण युग, ताम्र युग और वैदिक काल के साथ-साथ हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं को प्रमाणों के साथ प्रस्तुत किया है।
लेखक ने इस पुस्तक में मगध और क्षेत्रीय शासकों के उदय से लेकर मौर्य साम्राज्य सतवाहन गुप्ता और हर्षवर्धन के शासनकाल के विविध कलाशेत्र राजकारण के बारे में चर्चा की है।
यह किताब भारत से लेकर मध्ययुगीन भारत की पूरी प्रक्रिया विस्तृत करती है। लेखक ने वर्ण, व्यवस्था, नगरीकरण, वाणिज्य और व्यापार के साथ विज्ञान, सांस्कृतिक स्थिति इन जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इतिहास में रुचि रखने वाले शिक्षकों, पाठकों के लिए यह किताब महत्वपूर्ण है।
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2. भारत गांधी के बाद
लेखक: रामचंद्र गुहा
भारत गांधी के बाद यह किताब को बहुत सारे Awards मिले हैं। द इकोनॉमिस्ट, वॉल स्ट्रीट, जनरल वॉशिंटन, टाइम आउट और आउटलुक में इसे बुक ऑफ ईयर के Award से नवाजा है।
किताब के बारे में:
इस किताब में मुख्य रूप में आजादी के बाद की भारत में हर गतिविधियों के और इतिहास के बारे में लिखा गया है। किताब के आरंभ के chapters में भारत का विभाजन और आजादी इस topic से शुरू होता है। इसके Chapters में हिंदू, मुस्लिम, दलित, शरणार्थी संविधान निर्माण, विभाजन इसके बारे में विश्लेषण किया है।
यह पुस्तक तीन भागों में विभाजित किया है।
पहले भाग में-
- आजादी व राष्ट्रपिता की हत्या
- विभाजन का तर्क
- टोकरी में सेब
- एक रक्तरंजित हसीन वादी
- शरणार्थी समस्या और गणराज्य
- एक नार भारत की परिकल्पना
दूसरे भाग में–
- इतिहास का सबसे बड़ा दाव
- राष्ट्र व विश्व
- देश का पुनर्गठन
- प्रकृति पर विजय
- कानून व इसके निर्माता
- कश्मीर की रक्षा
- आदिवासी समस्या
तीसरे भाग में-
- दक्षिण से चुनौती
- पराजय का अनुभव
- शांति का प्रयास
- अल्पसंख्यक व दलित
सबसे बड़ी बात यह है की इस किताब में चित्रों का भी प्रयोग किया है। आजादी के बाद की इतिहास की जानकारी लेने के लिए यह किताब बहुत अच्छी हैं। जो पाठक इतिहास में रुचि रखते हैं उन्हें यह बुक अवश्य पढ़नी चाहिए।
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3. मुगल कालीन भारत
लेखक: आशीर्वादीलाल श्रीवास्तव
मुगल कालीन भारत यह किताब बाबर के भारत के इतिहास से संबंधित है। बाबर ने जब काबुल की विजय हासिल की उसके बाद उसका भारत से संपर्क हो गया था। भाग ‘अ’ में पूरे बाबरनामा का अनुवाद प्रस्तुत किया है। भाग ‘ब’ में बाबर के व्यक्तिमत्व के बारे में बताया है। भाग ‘ब’ के अनुवाद में ‘नफायसुल मअसीर’ ‘अकबरनामा’तथा तबकाते अकबरी के बाबर के संबंधित अनुवाद प्रस्तुत किया है।
किताब के बारे में:
इस किताब में मुख्य साहित्यिक स्त्रोत ग्रंथ और उसका महत्व, मुगल अफगान संघर्ष और मुगल साम्राज्य की स्थापना के बारे में विस्तृत विवरण किया है।
इसवी सन १५२६-१५३० के दौरान बाबर का राज भारत में था। उसके बाद इसवी सन १५३०-१५५६ मे हिमायू ने राज किया। उस दौरान हुई राजनीतिक लड़ाई के बारे में लेखक ने chapter 2 और 3 में ही लिखा है।
मुगल साम्राज्य के विघटन और पतन के कारणों को लिखित में विस्तृत ब्योरा दिया है। इस किताब में शेरशाह सुर और उसके उत्तराधिकारी जिन्होंने मुगल साम्राज्य का विस्तार किया उसके बारे में बड़े ही रोमांचक ढंग से लिखा गया है। औरंगजेब, जहांगीर, अकबर जैसे मुगल बादशाहों के बारे में Chapter 5 से 8 में पढ़ने को मिलता है।
18 वीं सदी के मुख्य राज्यों और मराठा ने किया गया स्वतंत्र संग्राम उसके बारे में किताब के अंतिम Chapter में वर्णन किया गया है। मराठा के आने के बाद मुगलों का शासन व्यवस्था में हुआ विघटन और निवेश के बारे में बहुत ही रोचक स्वरूप से वर्णन किया है। अंत में मुगल साम्राज्य की सफलता और असफलता के बारे में जानकारी है।
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4. भारत की राज्य व्यवस्था
लेखक: एम.लक्ष्मीकांत
भारत की राज्य व्यवस्था यह किताब सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी और अन्य राज्यों की परीक्षा के विद्यार्थियों द्वारा पढ़ी जाने वाली किताब है। इस किताब में लेखक जी ने यूपीएससी और सभी State USC के Syallabus के अनुसार Chapters को तैयार किया है। इस किताब में पर्याप्त मात्रा में परीक्षा को मध्य नजर रखते हुए अभ्यास के प्रश्नों को Include किया है।
किताब के बारे में:
हर चैप्टर के शुरुआत में कुछ चैप्टर के बारे में जानकारी पहले ही दी है। इस किताब की भाषा सरल और व्यवहारिक है। इस किताब में ओर ६ नए अध्याय शामिल किए हैं।
वह इस प्रकार:-
- वस्तु एवं सेवा कर परिषद
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
- राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन
- क्षेत्रीय दलों की कार्यप्रणाली
- साझा/ गठबंधन सरकार
इस किताब के सकारात्मक मुद्दे:
- 80 अध्याय एवं 16 परिशिष्टों को समाविष्ट करते हुए भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधानिक क्रिया कल्पना का पूर्ण विवेचन
- परीक्षा के अध्ययन पाठ्यक्रम के अनुसार अध्याय का पूर्ण व्यवस्थापन
- सिविल सेवा विधि राजनीतिक विज्ञान तथा लोक प्रशासन के विद्यार्थियों हेतु बहुत अच्छी किताब
- 6 नए अध्याय
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5. भारत की खोज
लेखक: पंडित नेहरू
भारत की खोज एक प्रसिद्ध किताब है जो कि पंडित नेहरू जी ने लिखी है। पंडित नेहरू जी ने यह किताब जेल में अप्रैल सितंबर १९४४ मैं लिखी थी। प्रारंभ यह किताब अंग्रेजी में था उसके बाद इसका अनुवाद हिंदी में किया गया।
किताब के बारे में:
पंडित नेहरू जी ने यह किताब अपने 5 महीनों के कारावास के दौरान दिखाया लिखा था। इस किताब में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान का विवरण किया है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत के आजादी के लिए किए गए संघर्ष, आंदोलन की जानकारी किताब में देखने को मिलती है।
इस पुस्तक पर एक धारावाहिक भी आई थी जो कि दूरदर्शन चैनल पर Broadcast की थी।
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6. पानीपत
लेखक: विश्वास पाटिल
पानीपत यह मराठी किताब है जिसे लेखक विश्वास पाटिल ने लिखा है जिसके बाद इसका अनुवाद हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में किया गया है।
पानीपत भारत में हुए सबसे बड़े युद्ध में से एक है। सन १७६१ में हुआ पानीपत का तीसरा युद्ध लेखकों का बड़ा ही पसंदीदा और कुतूहल का विषय है। भारतीय साहित्य का एक ऐतिहासिक महत्व पानीपत की यह किताब है। पानीपत में कुल 3 महत्वपूर्ण युद्ध हुए थे।यह युद्ध मराठा और मुगलों के बीच हुआ था। इस युद्ध को मुगलों और मराठों में हुआ पहिला बहुत बड़ा युद्ध कहा जाता है।
किताब के बारे में:
मराठों के पेशवा नाना साहेब जी ने उनके भाई की बहुत बड़ी सेना टुकड़ी को उत्तर भारत की ओर भेजा था। उन्होंने सैनिक की एक विशाल टुकड़ी उत्तर भारत में अपना शासन प्रस्तावित करने के लिए भेजी थी। उन्होंने पूरे भारत पर कब्जा करना शुरू किया।
मराठों को काबू करने के लिए मोहसिन और नाजिम खान ने अफगानिस्तान के बादशाह को बुला लिया तब जो युद्ध पानीपत में हुआ उसी के बारे में यह किताब है। लेखक जी ने बड़े ही रोचक ढंग से ऐतिहासिक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं इतिहास का वर्णन किया है।
इस किताब की प्रसिद्धि के कारण लेखक विश्वास पाटील प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचे थे। पानीपत में हुए सभी घटनाओं का विस्तृत वर्णन इस किताब में आपको देखने को मिलता है।
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7. राजतरंगिणी
लेखक: कल्हण
यह एक संस्कृत ग्रंथ है। इसकी रचना ११४८-११५० के बीच हुई है। कश्मीर में इतिहास पर आधारित यह ग्रंथ है। इस किताब में लेखक जी ने ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में क्रमश इतिहास लिखने की कोशिश की है। ११५१ आरंभ तक के कश्मीर के प्रत्येक शासकों के बारे में तब हुए घटनाओं के बारे में विस्तृत विवरण ग्रंथ में मिलता है।
किताब के बारे में:
प्रारंभ के गदयो में यद्यपि पुराणों के ढंग का विवरण मिलता है। राजतरंगिणी ग्रंथों में कुल 8 तरंग और 8000 श्लोक हैं। प्राचीन कश्मीर के इतिहास के बारे में पहले तीन तरंग में मिलती है। काकोर्ट वंश के बारे में 4 से लेकर 6 तरंग में मिलता है।
लोहार वंश और इतिहास का वर्णन सातवीं और आठवीं तरंग में है। राजा महाराजाओं का गुण दोष का उल्लेख लेखक जी ने बिना कोई पक्षपात से लिखा है। कल्हण जी ने इस ग्रंथ का निर्माण ईसवी सन ११४७ से ११४९ के बीच किया था।
लेखक के समय में कश्मीर बहुत सारी उत्तल पुथल राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा था तब का इतिहास लेखक जी ने ऐतिहासिक ढंग से ग्रंथ में प्रस्तुत किया है।
राजतरंगिणी यह ग्रंथ ऐतिहासिक महाकाव्य का मुकुटमणि कहा जा सकता है। कल्हण जी एक कश्मीरी कवि भी थे। राजा हर्ष के उत्थान और पतन का विशाल विवरण इस ग्रंथ में मिलता है वह अध्याय भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण इतिहास माना गया है।
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Conclusion
यह किताबे भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे लेखकों ने बड़े सरलतासे आपके सामने पेश किया है। आज आपने 7 Best Indian History Books in Hindi में देखे। मुझे उम्मीद है की आप इन्हे जरूर खरीदकर पढ़ना चाहेंगे लेकिन अगर आपको इसे खरीदने में दिक़्क़त आती है या किसी प्रकार का सवाल आपके मन में है तो आप हमसे पूछ सकते है।